योगदा सत्संग पाठमाला
परमहंस योगानन्दजी ने अपनी कक्षाओं एवं प्रवचनों में ध्यान एवं संतुलित आध्यात्मिक जीवन की कला पर जो शिक्षा दी थी, उसे उन्हीं के मार्गदर्शन के अनुसार योगदा सत्संग पाठमाला के रूप में संकलित किया गया था । योगदा साधक इन मुद्रित पाठों का अध्ययन घर बैठे कर सकते हैं । प्रारम्भ के कुछ पाठों के अध्ययन तथा उनमें सिखाई गईं मूलभूत ध्यान प्रविधियों के अभ्यास में कुछ समय लगाकर वे स्वयं को क्रियायोग अभ्यास के लिए शारीरिक, मानसिक, तथा आध्यात्मिक रूप से तैयार करते हैं । इस प्रारम्भिक अवधि में वे योगदा सत्संग साधना-पद्धति की तीन मुख्य प्रविधियाँ सीखते हैं:
1. शक्ति-संचार की प्रविधि :
यह साधक को सचेतन रूप से ब्रह्माण्डीय स्रोत से सीधे शरीर में प्राण-शक्ति खींचने में सक्षम बनाती है । प्राण-शक्ति नियंत्रण की यह प्रविधि शरीर को शुद्ध और बलशाली बनाती है, और उसे ध्यान के लिए तैयार करती है, जिससे चेतना के उच्चतर स्तरों तक जाने के लिए प्राण-शक्ति को भीतर की ओर निर्दिष्ट करना सरल हो जाता है । इसके अलावा, इसका नियमित अभ्यास मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करता है एवं प्रबल इच्छा-शक्ति को विकसित करता है ।
2. एकाग्रता की प्रविधि :
यह एकाग्रता की सुप्त शक्तियों को जाग्रत करने में सहायता करती है। इस प्रविधि के अभ्यास से साधक बाह्य विकर्षणों से अपने विचारों और प्राण-शक्ति को हटा कर उन्हें किसी वांछित लक्ष्य की प्राप्ति पर या फिर किसी समस्या के समाधान के लिए केंद्रित करना सीखता है । अथवा साधक उस एकाग्र किये गए मन को अंतर में स्थित दिव्य चेतना का बोध प्राप्त करने के लिए प्रयोग कर सकता है ।
3. ध्यान की प्रविधि :
परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखाये गए ध्यान-योग विज्ञान पर सविस्तार निर्देश
योगदा सत्संग पाठमाला में चर्चित विषयों में से कुछ विषय इस प्रकार हैं:
- ईश्वर को अपने दैनिक जीवन में किस प्रकार शामिल करें
- रोग-मुक्ति एवं पुनःस्फूर्ति प्रदान करने वाले योग सिद्धांत
- जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता पाने के लिये इच्छा-शक्ति को प्रबल करना
- जीवन में अपना उचित व्यवसाय ढूँढना
- रचनात्मक एवं स्मरण-शक्ति का विकास करना
- अपने जीवन साथी का किस प्रकार चयन किया जाये
- अपने जीवन साथी का किस प्रकार चयन किया जाये
- वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन में सामंजस्य लाना
- मानव मन किस प्रकार काम करता है
- दूसरों के साथ निभा पाने की कला
- तनावमुक्ति एवं पुनःस्फूर्ति की प्रविधियाँ
- कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों का ज्ञान
- तनाव एवं भय के बिना जीना
- उचित खान-पान के योग-सिद्धांत
- आध्यात्मिक प्रगति को तीव्र करने के सिद्धांत
- विश्व-बंधुत्व का निर्माण करना
- मृत्यु के बाद का जीवन
आवेदन प्रक्रिया
ये पाठ सदस्यता शुल्क देकर प्राप्त किये जा सकते हैं । उक्त शुल्क पाठों के केवल मुद्रण एवं प्रेषण में आयीं लागत की पूर्ति के लिये लिया जाता है ।
हिंदी पाठमाला के लिए ऑनलाइन आवेदन करें / आवेदन पत्र डाउनलोड करें
आवेदन फ़ॉर्म भरने के बाद इसे डाक अथवा फ़ैक्स द्वारा निम्न पते पर प्रेषित करें:
डाक पता
योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इंडिया
परमहंस योगानंद पथ
राँची-834001, झारखण्ड
यदि आप योगदा सत्संग पाठमाला के अंग्रेज़ी पाठों के लिये आवेदन करना चाहते हैं, तो कृपया Highest Achivements Through Self-realization पढ़ें और आवेदन फ़ॉर्म का प्रिंट-आउट लें ।