हम आपको 7 दिसम्बर को वाईएसएस संन्यासी स्वामी चैतन्यानन्द गिरि द्वारा “श्रद्धा : आध्यात्मिक जीवन की नींव” शीर्षक से हिन्दी में दिए जाने वाले एक सत्संग में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस सत्संग में स्वामी चैतन्यानन्द हमारी आध्यात्मिक परंपरा के एक अत्यंत सुंदर खजाने — श्रद्धा अर्थात् विश्वास और भक्ति — की महत्ता एवं गहराई को विस्तार से समझाएँगे।
ईश्वर-अर्जुन संवाद : श्रीमद्भगवद्गीता से योगानन्दजी के ज्ञान पर आधारित, इस बात पर बल देते हैं कि कैसे अर्जुन की श्रद्धा — भगवान् कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति — ने दिव्य ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनका मार्गदर्शन किया, जिसने उनकी चेतना को रूपांतरित कर दिया। वे श्रद्धा को हृदय की उस स्वाभाविक प्रवृत्ति के रूप में परिभाषित करते हैं जो अपने दिव्य स्रोत की ओर मुड़ती है, और श्रद्धा इस खिंचाव के प्रति समर्पण का एक अभिन्न अंग है।
स्वामी चैतन्यानन्द बताते हैं कि आध्यात्मिक पथ पर सफलता के लिए श्रद्धा कितनी आवश्यक है। यह गुरु और उनकी शिक्षाओं का पालन करने के लिए स्पष्टता और शक्ति, तथा अंततः उनकी कृपा लाती है। यह आंतरिक रूपांतरण भी लाती है जो विपरीत समय में हमारी रक्षा करता है।
कृपया ध्यान दें : यह सत्संग दिसम्बर 2025 साधना संगम के समापन सत्संग के रूप में वाईएसएस राँची आश्रम से सीधा प्रसारित किया जाएगा, और बाद में देखने के लिए भी उपलब्ध रहेगा।
















