उनके जीवन का एक संक्षिप्त वर्णन
परमहंस योगानन्दजी के जन्म के बाद के सौ वर्षों के दौरान, इन पूजनीय जगद्गुरु को पश्चिम में भारत के प्राचीन ज्ञान के सबसे महान् प्रचारक के रूप में पहचाना जा रहा है। उनका जीवन और शिक्षाएँ सभी जातियों, संस्कृतियों और पंथों के लोगों के लिए प्रकाश और प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।
आगे के पृष्ठों में आपको इन परमप्रिय जगद्गुरु के जीवन की एक झलक दी जा रही है।
योगी कथामृत (Autobiography of a Yogi) के बारे में पढ़ें, जिसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक गौरवग्रंथों में से एक माना जाता है।