परमहंस योगानन्द
आध्यात्मिक गौरव ग्रंथ योगी कथामृत के सुप्रसिद्ध लेखक, परमहंस योगानन्दजी ने 1917 में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना की ताकि सभी संस्कृतियों और राष्ट्रीयताओं के लोगों तक क्रियायोग की ध्यान प्रविधि और “जीने की कला” शिक्षाएं व्यापक रूप से पहुँच सकें जिससे वे अपनी आत्मा की सुंदरता, कुलीनता और दिव्यता को पूर्णतया अनुभव एवं व्यक्त करने में सक्षम हो सकें।
योगदा सत्संग पाठमाला
योगदा सत्संग पाठमाला का अग्रेंज़ी संस्करण अब एक नये परिष्कृत और विस्तारित रूप में उपलब्ध है। इस संस्करण का हिंदी अनुवाद किया जा रहा है और यह कुछ समय बाद उपलब्ध होगा। इस दौरान उत्सुक साधक पाठमाला के पूर्व संस्करण का हिंदी अनुवाद आवेदन कर प्राप्त कर सकते हैं।
गुरु पूर्णिमा अपील 2025
गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर हम आपको अपने प्रिय गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्द को अपने अंतर्मन से नमन करने एवं उनके दिव्य मिशन में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

साधना संगम 2025
हम सभी वाईएसएस/एसआरएफ़ भक्तजनों का स्वागत करते हैं जो अक्टूबर से दिसम्बर 2025 तक आयोजित होने वाले साधना संगमों में हमारे साथ सम्मिलित होंगे। इन आयोजनों के लिए पंजीकरण शुक्रवार, 18 जुलाई को सुबह 11 बजे (भारतीय समयानुसार) से प्रारंभ होंगे।
अधिक जानकारी
युवा साधक संगम
वाईएसएस युवा साधकों (आयु 23-35 वर्ष) के लिए विशेष रूप से एक साधना संगम का आयोजन कर रहा है — यह एक आध्यात्मिक रूप से गहन अनुभव होगा, जो शांतिपूर्ण वाईएसएस राँची आश्रम में आयोजित किया जाएगा।
संचालित कार्यक्रम
हम आपको वाईएसएस संन्यासियों द्वारा संचालित ऑनलाइन और वैयक्तिक ध्यान-सत्र, रिट्रीट और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।
ब्लॉग
QUOTE OF THE DAY
Practising the Presence of Godजुलाई 28
Pray to Him, “Lord, You are the Master of creation, so I come to You. I will never give up until You talk to me and make me realize Your presence. I will not live without You.”
– Sri Sri Paramahansa Yogananda
“Man’s Eternal Quest”
आज का विचार
ईश्वर के सान्निध्य का अभ्यासजुलाई 28
ईश्वर से प्रार्थना करें, “हे प्रभु, आप सृष्टि के स्वामी हैं, इसलिये मैं आपके पास आया हूँ। जब तक आप मुझसे बात नहीं करेंगे और मुझे अपने अस्तित्व का बोध नहीं करायेंगे, मैं प्रयास करना नहीं छोड़ूँगा। मैं आपके बिना नहीं जिऊँगा।”
—श्री श्री परमहंस योगानन्द,
“मानव की निरन्तर खोज”
આજે ધ્યાનમાં
ઈશ્વરના સાંનિધ્યનો અભ્યાસजुलाई 28
પ્રભુને પ્રાર્થના કરો, “હે પરમેશ્વર, તમે વિશ્વના અધિપતિ છો, અને એટલે જ હું તમારી પાસે આવ્યો છું. જ્યાં સુધી તમે મારી સાથે વાત નહીં કરો અને મને તમારા સાંનિધ્યનો અનુભવ નહીં કરાવો, ત્યાં સુધી હું તમને છોડીશ નહીં. હું તમારા વિના જીવીશ નહીં.”
-શ્રી શ્રી પરમહંસ યોગાનંદ,
“Man’s Eternal Quest”
இன்றைய தத்துவம்
இறை இருப்புப் பயிற்சிजुलाई 28
இறைவா, படைப்பின் தலைவன் நீ. ஆகவே நான் உன்னிடம் வருகிறேன். நீ என்னுடன் பேசும் வரையிலும் உன்னுடைய இருப்பை நான் உணருமாறு செய்யும்வரையிலும் நான் முயற்சியைக் கைவிட மாட்டேன். நீ இல்லாமல் நான் உயிர்வாழ மாட்டேன், என அவனிடம் பிரார்த்தியுங்கள்.
-ஸ்ரீ ஸ்ரீ பரமஹம்ஸ யோகானந்தர்,
“மனிதனின் நிரந்தரத் தேடல்”
నేటి సూక్తి
దైవసాన్నిధ్య అభ్యాసముजुलाई 28
దేవుణ్ణి ఇలా ప్రార్ధించండి :”ప్రభూ! నీవు జగన్నాధుడివి , అందుకే నీ దగ్గరకు వచ్చాను. నీవు నాతో మాట్లాడి నీ నీ సాన్నిధ్యాన్ని నాకు తెలిపేవరకూ నేను వదిలిపెట్టను. నీవు లేనిదే నేను జీవించను.”
– శ్రీ శ్రీ పరమహంస యోగానందా,
“Man’s Eternal Quest”
আজকের বাণী
ঈশ্বর সান্নিধ্যের উপলব্ধিजुलाई 28
ঈশ্বরের কাছে এই বলে প্রার্থনা করো: “প্রভু, তুমিই তো সৃষ্টিকর্তা; তাই আমি তোমার কাছেই এসেছি। যতক্ষণ না তোমার উপস্থিতিকে বুঝতে পারছি, যতক্ষণ না তুমি আমার সঙ্গে কথা বলছ, ততক্ষণ আমি কিছুতেই চেষ্টা করা ছাড়ব না। প্রভু, তোমাকে ছাড়া আমি বাঁচব না।’’
—শ্রীশ্রী পরমহংস যোগানন্দ,
“মানুষের চিরন্তন অন্বেষণ”
आजचा सुविचार
ईश्वरी सान्निध्याचा सरावजुलाई 28
प्रार्थना करा: “परमेश्वरा, तू सृष्टीचा स्वामी आहेस, म्हणून मी तुझ्याकडे येतो. जोपर्यत तू माझ्याशी बोलणार नाहीस, आणि मला तुझ्या अस्तित्वाचा अनुभव देणार नाहीस, तोपर्यंत मी हार मानणार नाही. मी तुझ्याशिवाय जगणार नाही.”
—श्री श्री परमहंस योगानंद,
“Man’s Eternal Quest”
ഇന്നത്തെ ഉദ്ധരണി
ഈശ്വരസാന്നിധ്യത്തിന്റെ അഭ്യാസംजुलाई 28
അവിടുത്തോട് പ്രാർത്ഥിക്കുക: “പ്രഭോ, സൃഷ്ടിയുടെ അധിപൻ അങ്ങാണ്. അതുകൊണ്ട് ഞാൻ അങ്ങയുടെ അടുത്തേക്കു വരുന്നു. അങ്ങ് എന്നോട് സംസാരിക്കുകയും അങ്ങയുടെ സാന്നിധ്യം എനിക്ക് ബോധ്യമാക്കുകയും ചെയ്യുന്നതുവരെ ഞാൻ എന്റെ പരിശ്രമം ഉപേക്ഷിക്കില്ല. അങ്ങയെക്കൂടാതെ ഞാൻ ജീവിക്കില്ല.”
– ശ്രീ ശ്രീ പരമഹംസ യോഗാനന്ദൻ,
“Man’s Eternal Quest”
ಇಂದಿನ ಸೂಕ್ತಿ
ಭಗವತ್ ಸಾನ್ನಿಧ್ಯದ ಸಾಧನೆजुलाई 28
ಭಗವಂತನನ್ನು ಪ್ರಾರ್ಥಿಸಿ: “ಪ್ರಭು, ನೀನು ಸೃಷ್ಟಿಯ ಒಡೆಯ, ಆದ್ದರಿಂದ ನಿನ್ನನ್ನು ಆಶ್ರಯಿಸುವೆ. ನೀನು ನನ್ನೊಡನೆ ಮಾತನಾಡುವವರೆಗೂ, ಮತ್ತು ನಿನ್ನ ಸಾನಿಧ್ಯದ ಅರಿವನ್ನು ನನ್ನಲ್ಲುಂಟುಮಾಡುವವರೆಗೂ ನಾನು ಪ್ರಯತ್ನವನ್ನು ನಿಲ್ಲಿಸುವುದಿಲ್ಲ. ನೀನಿಲ್ಲದೆ ನಾನು ಬದುಕಿರಲಾರೆ.
— ಶ್ರೀ ಶ್ರೀ ಪರಮಹಂಸ ಯೋಗಾನಂದ,
“Manʼs Eternal Quest”