“...आपको यह अनुभव होता है कि आपके भीतर कुछ अति-विशिष्ट छुपी हुई बात सदा रही है, और आपको इसका आभास तक नहीं था।”

— परमहंस योगानन्द

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“...आप को यह अनुभव होता है कि आप के भीतर कुछ अति-विशिष्ट छुपी हुई बात सदा रही है, और आपको इस का आभास तक नहीं था।”

— परमहंस योगानन्द

परमहंस योगानन्द

आध्यात्मिक गौरव ग्रंथ योगी कथामृत के सुप्रसिद्ध लेखक, परमहंस योगानन्दजी ने 1917 में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना की ताकि सभी संस्कृतियों और राष्ट्रीयताओं के लोगों तक क्रियायोग की ध्यान प्रविधि और “जीने की कला” शिक्षाएं व्यापक रूप से पहुँच सकें जिससे वे अपनी आत्मा की सुंदरता, कुलीनता और दिव्यता को पूर्णतया अनुभव एवं व्यक्त करने में सक्षम हो सकें।

योगदा सत्संग पाठमाला

योगदा सत्संग पाठमाला का अग्रेंज़ी संस्करण अब एक नये परिष्कृत और विस्तारित रूप में उपलब्ध है। इस संस्करण का हिंदी अनुवाद किया जा रहा है और यह कुछ समय बाद उपलब्ध होगा। इस दौरान उत्सुक साधक पाठमाला के पूर्व संस्करण का हिंदी अनुवाद आवेदन कर प्राप्त कर सकते हैं।

वाईएसएस/एसआरएफ़ अध्यक्ष के द्वारा संचालित जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष ध्यान

हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि शनिवार, 16 अगस्त को, वाईएसएस/एसआरएफ़ अध्यक्ष श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि, जन्माष्टमी के अवसर पर तीन घंटे के एक विशेष ध्यान का संचालन करेंगे।

साधना संगम 2025

हम सभी वाईएसएस/एसआरएफ़ भक्तजनों का स्वागत करते हैं जो अक्टूबर से दिसम्बर 2025 तक आयोजित होने वाले साधना संगमों में हमारे साथ सम्मिलित होंगे। इन कार्यक्रमों के लिए पंजीकरण अब आरंभ हो चुका है!

युवा साधक संगम

वाईएसएस युवा साधकों (आयु 23-35 वर्ष) के लिए विशेष रूप से एक साधना संगम का आयोजन कर रहा है — यह एक आध्यात्मिक रूप से गहन अनुभव होगा, जो शांतिपूर्ण वाईएसएस राँची आश्रम में आयोजित किया जाएगा।

संचालित कार्यक्रम

हम आपको वाईएसएस संन्यासियों द्वारा संचालित ऑनलाइन और वैयक्तिक ध्यान-सत्र, रिट्रीट और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।

वाईएसएस/एसआरएफ़ ऐप

अध्ययन, ध्यान और प्रेरणा के लिए आपका डिजिटल आध्यात्मिक साथी।