जन्माष्टमी

सोमवार, अगस्त 30

कार्यक्रम के विवरण

जो व्यक्ति मुझे सर्वत्र देखता है तथा प्रत्येक वस्तु को मुझमें देखता है, मैं उसकी दृष्टि से कभी ओझल नहीं होता, न ही वह मेरी दृष्टि से कभी ओझल होता है।

— ईश्वर-अर्जुन संवाद : श्रीमद्भगवद्गीता, श्लोक 6:30

कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, विश्वभर के भक्तों के साथ मिलकर, दिव्य प्रेम के इस राजसी अवतार के साथ अपने मन और हृदय को समस्वर करने का एक सुंदर अवसर है।

भगवान कृष्ण के जन्म की पावन स्मृति में सोमवार, 30 अगस्त को वाईएसएस संन्यासियों द्वारा विशेष ऑनलाइन ध्यान-सत्रों का  संचालन किया गया। दो अलग-अलग ऑनलाइन ध्यान-सत्र आयोजित किये गए। दोनों सत्रों में अंग्रेजी और हिंदी में पाठन, भक्तिमय चैंटिंग और ध्यान की अवधि शामिल थे।

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें :

नए आगंतुक

परमहंस योगानन्दजी और उनकी शिक्षाओं के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर जाएँ :

ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ ए योगी

विश्वभर में एक आध्यात्मिक उत्कृष्ट कृति के रूप में सराही जाने वाली इस पुस्तक के विषय में परमहंसजी प्रायः कहा करते थे, “जब मैं चला जाऊँगा यह पुस्तक मेरी सन्देशवाहक होगी।”

वाईएसएस पाठमाला

एक गृह-अध्ययन पाठमाला जो आपके जीवन को ऐसे असाधारण ढंग से रूपांतरित कर देती है जिसकी आपने कभी कल्पना भी न की होगी, और आपको एक संतुलित एवं सफल जीवन जीने में सहायता करती है।

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