सतत प्रार्थना हेतु सम्पूर्ण विश्व से जुड़ें

3 अप्रैल, 2020

कोरोना वायरस महामारी के फैलने के कारण कई देशों में स्वास्थ्य संकट की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में हम आशा और प्रार्थना करते हैं कि आप खुद को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए सभी आवश्यक सावधानियों का पालन कर रहे हैं। यह ऐसा समय है जब हम सभी को अनजान हालात से गुज़रना पड़ रहा है। तो भी, यह देखकर हर्ष होता है कि वाईएसएस/एसआरएफ़ के भक्तजन इस कसौटी पर खरे उतर रहें हैं, और इन कठिन समयों में भी अपनी आत्मा के अन्तर्निहित गुणों का परिचय देते हुए विश्वास, साहस, और आध्यात्मिक शक्ति के साथ इस स्थिति का सामना कर रहे हैं तथा एक-दूसरे की सहायता करने के साथ-साथ सब के लिए गहरी प्रार्थना भी कर रहे हैं।

प्रार्थना की शक्ति का पूर्ण रूप से समर्थन करते हुए, परमहंस योगानन्दजी ने कहा है : “अधिकांश लोग घटनाओं के क्रम को प्राकृतिक और अपरिहार्य मानते हैं। वे शायद ही इस बात को जानते हैं कि प्रार्थना के माध्यम से आमूलचूल परिवर्तन लाए जा सकते हैं।” आप शायद जानते हैं कि वाईएसएस और एसआरएफ़ के संन्यासी प्रतिदिन उन लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं जिन्होंने प्रार्थना के लिए अनुरोध किया है, और साथ ही सभी भक्तों के लिए तथा संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए भी प्रार्थना करते हैं। और कई वर्षों से, वाईएसएस/एसआरएफ़ की विश्वव्यापी प्रार्थना मण्डली के सदस्य भी इस प्रयास में सशक्त रूप से योगदान दे रहे हैं — विश्व भर में फैले हमारे आश्रमों, केन्द्रों और मंडलियों में आयोजित किए जाने वाले प्रार्थना सभाओं के द्वारा, तथा अपने-अपने घरों में प्रार्थनाओं के द्वारा।

एक केन्द्रित और सामूहिक प्रयास द्वारा हम सभी अपनी प्रार्थनाओं की शक्ति को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। योगदा सत्संग सोसाइटी के आश्रमों में सभी संन्यासी प्रतिदिन नीचे दिए गए विशिष्ट समयों पर दूसरों के रोग-निवारण के लिए, तथा विश्व बंधुत्व और विश्व-शांति के लिए प्रार्थना करते हैं ; और आप सबको भी हम ऐसा करने के लिए आमंत्रित करते हैं। सभी समय I.S.T. (इण्डियन स्टैण्डर्ड टाइम) में दिए गए हैं :

प्रात : 07:50 – 08:00 बजे
अपराहन : 12:50 – 01:00 बजे
सायं : 06:50 – 07:00 बजे

यदि आपके लिए संभव हो तो आप एसआरएफ़ आश्रमों में आयोजित किए जाने वाले आरोग्यकारी प्रार्थना सत्रों में भी शामिल हो सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी एसआरएफ़ की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

यदि ऊपर दिए गए समय आपके लिए अनुकूल न हों, तो आप अपनी सुविधानुसार किसी अन्य समय पर भी इस आरोग्यकारी प्रार्थना को कर सकते हैं। हमारा सुझाव है कि जब भी आप इस प्रकार प्रार्थना करें, तो उसके बाद परमहंस योगानन्दजी द्वारा सिखायी गयी रोग-निवारक प्रविधि का भी अभ्यास करें।

विश्वव्यापी प्रार्थना मंडल की स्थापना करते समय परमहंसजी ने कहा : “जब हज़ारों लोगों की प्रार्थनाएँ एकजुट होती हैं, तब शांति और दिव्य उपचार के जो शक्तिशाली सपंदन उत्पन्न होते हैं वे वांछित परिणाम प्रकट करने में अमूल्य योगदान देते हैं।”

हमारी प्रार्थना है कि इस उत्साहजनक विचार से आपको शक्ति मिले और पूरी विश्व में हमारी सामूहिक प्रार्थनाओं को फैलते हुए कल्पना करने में आपको सहायता मिले। प्रभु के आशीर्वादों के दुर्ग में आप सदा सुरक्षित रहें।

वीडियो : स्वामी चिदानन्द गिरि परमहंस योगानन्दजी द्वारा बताई गई रोग-निवारक प्रविधि का अभ्यास करवाते हैं और उनके द्वारा संचालित ध्यान-सत्र के अंत में समापन प्रार्थना करते हैं। मार्च 14 की इस वीडियो में वे आध्यात्मिक आश्वासन का संदेश भी देते हैं। हम यह अंश उन लोगों के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं, जो स्वामी चिदानन्दजी के साथ रोग-निवारक प्राविधि करने की इच्छा रखते हैं और इसे दूसरों तथा विश्व के लिए प्रार्थना करने के अपने प्रयासों का हिस्सा बनाना चाहते हैं ।

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