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- युवाओं को वाईएसएस शक्ति-संचार व्यायामों के माध्यम से शरीर में शक्ति-संचार करने के सिद्धांत सिखाए गए।
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- स्वामी केदारानन्द ने स्वयं तथा दूसरों में सर्वश्रेष्ठ को अभिव्यक्त करने के लिए “आदर्श जीवन” की शिक्षाओं पर आधारित, एक संवादमूलक सत्र संचालित किया।
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- किशोरे बालिकाओं के साथ एक संवादमूलक सत्र, जिसमें एक वाईएसएस संन्यासी द्वारा प्रेरणादायक कहानी बताई गई।
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- एक वृक्ष की छाया में, खुले में आयोजित एक प्रातःकालीन ध्यान सत्र ने बच्चों को प्रकृति में ईश्वर का अनुभव करने का अवसर प्रदान किया।
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- बालिकायें वेदी पर “कृतज्ञता पात्र” रखती हुईं, जिनमें उन विषयों पर पर्चियाँ रखी गई हैं जिनके लिए वे कृतज्ञ हैं।



















