ध्यान करने के लिए उद्यान — योगदा सत्संग शाखा मठ, राँची

शान्ति के द्वार से शान्ति एवं ज्ञान का आरोग्यकारी सूरज आप पर चमकेगा।

परमहंस योगानन्द

आश्रम के मैदान में कई खूबसूरती से सजाए गए बाग-बगीचे हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के पौधे और वृक्ष हैं। छायादार आम के बगीचे, कटहल के वृक्षों की पंक्तियाँ, सदाबहार लीची के पेड़, और खूबसूरती से बिखरे सजावटी बांस के झुरमुट मिलकर एक ऐसा आध्यात्मिक उद्यान बनाते हैं जो दुनिया की थकान से परेशान आत्माओं को शांति और आनंद के अमृत का स्वाद लेने के लिए आमंत्रित करता है। यहाँ आकर लोगों के लिए संसार की चिंताओं को छोड़कर शरीर, मन और आत्मा में विश्राम पाना सहज हो जाता है। कई बेंचें भी लगाई गई हैं, जहाँ कोई भी ध्यान कर सकता है और भीतर जा सकता है, या बस चुपचाप बैठकर इस पवित्र वातावरण की शांति और सौम्यता का आनंद ले सकता है।

परमहंसजी और उन अनेक दिव्य महापुरुषों द्वारा छोड़े गए आध्यात्मिक स्पंदन, जिन्होंने इन पवित्र भूमि पर कदम रखा, उन सभी का आध्यात्मिक उत्थान करती हैं जो शांति की खोज में या भगवान् पर ध्यान करने के लिए आश्रम परिषर में प्रवेश करते हैं।

इन पवित्र ध्यान के उद्यान में, कई शांतिपूर्ण गज़ेबो, नुक्कड़ और स्थान हैं, जहाँ कोई भी शांति से ध्यान कर सकता है। फूल, झाड़ियाँ और पेड़-पौधों सावधानीपूर्वक लगाया गया है ताकि एक सुखद वातावरण का निर्माण किया जा सके। मुख्य भवन, ध्यान मन्दिर और स्मृति मन्दिर के सामने और आसपास विशाल हरे-भरे मैदान हैं। कुछ जलाशय भी हैं जिनमें दुर्लभ किस्म के कमल और बहुरंगीन मछलियाँ प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं। ये सभी परिदृश्य तत्व इन पवित्र स्थानों में गूंजने वाली शांति और शांतता की आभा को बढ़ाते हैं।