यह याद रखो कि तुम किसी के नहीं हो और कोई तुम्हारा नहीं है। इस पर विचार करो कि किसी दिन तुम्हें इस संसार का सब कुछ छोड़कर चल देना होगा, इसलिए अभी से ही भगवान् को जान लो।
— श्री श्री लाहिड़ी महाशय
परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं में बताए गए जीवन के गहन अर्थ को समझने के लिए, हम आपको योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के संन्यासी स्वामी ईश्वरानन्द गिरि द्वारा “जीवन और मृत्यु के रहस्यों को सुलझाना” विषय पर हिन्दी में दिए गए प्रवचन को सुनने के लिए आमंत्रित करते हैं।
अपनी दो भागों की श्रृंखला के इस दूसरे प्रवचन में, स्वामी ईश्वरानन्द परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के माध्यम से जीवन-मृत्यु के चक्र — मानव जन्म का उद्देश्य, हमारे अस्तित्व का स्वरूप, और भौतिक मृत्यु के परे क्या होता है — को विस्तार से बताते हैं। अपने पहले प्रवचन में पृथ्वी पर हमारे प्रवास के उद्देश्य और क्रियायोग की शक्तिशाली प्राविधि की भूमिका पर गुरुजी के ज्ञान को साझा करने के बाद, यहाँ स्वामी ईश्वरानन्द आत्मा के विकास में मृत्यु की भूमिका का अन्वेषण करते हैं, और हमें जीवन और मृत्यु दोनों के प्रति अधिक शांतिपूर्ण और आनन्दमय दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इस प्रवचन का पहला भाग 30 अप्रैल, 2025 को प्रसारित किया गया था, और यहाँ देखने के लिए उपलब्ध है।
अंग्रेज़ी में इसी विषय पर स्वामी ईश्वरानन्द गिरि द्वारा दिया गया प्रवचन, 2023 एसआरएफ़ World Convocation का एक भाग था और यहाँ देखने के लिए उपलब्ध है।