6 अक्टूबर, 2021

प्रिय आत्मन्,

परमहंस योगानन्दजी के विश्वव्यापी आध्यात्मिक परिवार एवं मित्रों को क्रिसमस की प्रेमपूर्ण शुभकामनायें! दिव्य प्रभु जीसस क्राइस्ट के जन्म – और पुनर्जन्म – का उत्सव मनाते हुए, इस आनन्दपूर्ण समय का आलोक एवं आध्यात्मिक शक्ति आपको प्रेरित करे और आपका उत्थान करे।

एक प्रिय अवतार (ईश्वर की व्यक्तिगत अभिव्यक्ति) जिन्होंने सर्वव्यापी क्राइस्ट चैतन्य (कूटस्थ चैतन्य) का मूर्त रूप धारण किया, जीसस, महावतार बाबाजी के साथ भारत से पश्चिम में क्रियायोग के प्रसार के साथ शाश्वत रूप से जुड़े हैं। जीसस और बाबाजी के कहने पर परमहंस योगानंद द्वारा विश्व भर में प्रसारित की गई उदात्त शिक्षाओं और तकनीकों के माध्यम से, हममें से प्रत्येक को वह साधन दिया गया है जिसके द्वारा हम शाश्वत क्राइस्ट शिशु के जन्म के लिये अपने ह्रदय का पालना तैयार कर सकते हैं। ध्यान में उस पवित्र चेतना के साथ संपर्क करके, हम ठीक अपने अंतरतम में सही अर्थ में “क्राइस्ट के पुनरुत्थान” की खोज करते हैं । मेरी हार्दिक प्रार्थना है कि इस पवित्र समय में विशेष शक्ति के साथ आकाशीय लोकों से उत्सर्जित होता स्वर्गीय चुंबकत्व और अनुग्रह आपकी ध्यानमग्न आत्मा को सभी प्राणियों को एक दिव्य परिवार में एकजुट करने वाली ईश्वर की प्रेमपूर्ण, जीवन-परिवर्तनकारी उपस्थिति में गहराई से खींचेगा। यही क्रिसमस का वास्तविक, आध्यात्मिक उत्सव है, जिसकी विश्व भर में परमहंसजी के अनुयायी वर्ष के इस समय में अत्यंत आतुरता पूर्वक प्रतीक्षा करते हैं।

फिर, हमारे भीतर जागृत दिव्यता द्वारा नवीकृत होकर, आइए हम उस चेतना को क्रिसमस उत्सव-काल के सुंदर सामाजिक समारोहों और उत्सवों में ले जाएं तथा हमारे प्रियजनों को प्रकाश एवं आनंद प्रदान करें और उन्हें दयालुता, समझ, और प्रशंसा के उपहार प्रदान करें। जब हम अपने अन्तर् में विद्यमान क्राइस्ट के उस प्रकाश के संपर्क में होते हैं, तो हम जहाँ भी जाते हैं, स्वतः ही सद्भाव फैलाते हैं। हमारे ध्यान में और सम्पूर्ण नव-वर्ष में दूसरों के प्रति दया और सेवा के हमारे कार्यों में, जब हम अपनी चेतना को नए सिरे से दिव्य प्रेम से भरते हैं तो हम प्रतिदिन इसका विस्तार होता हुआ अनुभव करें, और इस प्रकार हमारे समाजों, राष्ट्रों, और विश्व में शांति एवं सद्भावना के लिए व्यक्तिगत रूप से योगदान करें।

आपकी चेतना में नित्य-निरंतर जीसस की सार्वभौमिकता तथा मानव परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिये उनके शाश्वत उपहार क्राइस्ट-प्रेम और आनन्द के पुनर्जन्म के लिए, इस क्रिसमस पर आपके और आपके प्रियजनों के लिए ये मेरी आत्मिक शुभकामनायें हैं।

आपके लिये यह क्रिसमस और नव-वर्ष आध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक समृद्ध एवं संतोषप्रद हो!

स्वामी चिदानन्द गिरि

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