गुरु वह हैं, जिन्हें आपको अज्ञान के अन्धकार से उन ईश्वर के शाश्वत प्रकाश की भूमि में ले जाने हेतु ईश्वर नियुक्त करते हैं।
— श्री श्री परमहंस योगानन्द
इस जुलाई को, हमने विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से अपने प्रिय गुरुदेव, श्री श्री परमहंस योगानन्द को सम्मानित करते हुए सानन्द गुरु पूर्णिमा मनाई। इन समारोहों के अंतर्गत, वाईएसएस संन्यासी स्वामी आदित्यानन्द गिरि द्वारा हिन्दी में एक विशेष सत्संग आयोजित किया गया, जिसका शीर्षक था “गुरु का मार्गदर्शन और आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें।” यह प्रेरणादायक सत्संग परमहंस योगानन्दजी के शाश्वत ज्ञान पर आधारित था, जिसका उद्देश्य आध्यात्मिक मार्ग पर सबसे पवित्र संबंधों में से एक — गुरु-शिष्य संबंध — की हमारी समझ को गहरा करना था।
योगानन्दजी कहते हैं, “गुरु वह हैं जिन्होंने सत्य का अनुभव किया है। वे जीवन के अन्धकारमय वन में एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। यदि आप उनका अनुसरण करते हैं, तो वे आपको अन्धकार से बाहर निकाल देंगे। यदि आप अकेले मार्ग खोजने का प्रयास करते हैं, तो आप अनेक जन्मों तक व्यर्थ ही वन में भटक सकते हैं। अतः गुरु का अनुसरण करें, और वे आपको सुरक्षित रूप से पार करा देंगे।”
यह प्रवचन 5 जुलाई को वाईएसएस राँची आश्रम से सीधा प्रसारित किया गया था।

यदि आप हमारे गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्द और वाईएसएस गुरु परम्परा के द्वारा आपके जीवन में बरसाए गए उनके अनेक आशीर्वादों के लिए एवं उनके दिव्य मिशन में अपनी सेवा के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करना चाहते हैं, तो हम आपको इस पावन अवसर पर वाईएसएस द्वारा जारी किए गए अपील को पढ़ने के लिए आमंत्रित करते हैं :
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- “The Guru: Guide to Spiritual Freedom,” Finding the Joy Within You – द्वारा श्री श्री दया माता
- The Guru: Messenger of Truth, – श्री श्री मृणालिनी माता द्वारा ऑडियो रिकॉर्डिंग
- The Importance of a True Guru – स्वामी आनन्दमय गिरि द्वारा ऑडियो रिकॉर्डिंग
- “Letters on the Guru-Disciple Relationship,” God Alone: The Life and Letters of a Saint – द्वारा श्री ज्ञानमाता