पर्वानुकूल प्रेरणा सूत्र

साल भर में आने वाले पर्वों पर ईश्वर-प्रेरित संदेशों का आनंद लें।

आप कब जानेंगे कि क्राइस्ट आपके साथ हैं?

कूटस्थ चैतन्य पर परमहंस योगानन्दजी की विवेचना

सर्वव्यापी क्राइस्ट के लिए हिंडोला

नव वर्ष के द्वार में प्रवेश करें

नए संकल्प लें : जैसा आप बनना चाहते हैं वैसे बनिए!

पुनर्जीवन पर ध्यान

क्रिसमस के समय का निर्देशित ध्यान

द्वारा श्री श्री मृणालिणी माता 

23 दिसंबर, 2002 को एसआरएफ़ अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया/सेल्फ़-रियलाइज़ेशन फे़लोशिप की प्रिय चौथी अध्यक्ष श्री श्री मृणालिनी माता द्वारा संचालित पूरे दिन के क्रिसमस ध्यान के कुछ अंश।

परमहंस योगानन्दजी द्वारा 1936 में संचालित पूरे दिन के क्रिसमस ध्यान के दौरान प्रयोग किए गए शब्दों से शुरू करते हुए, माँ ने अपनी गुरु-भक्ति और ज्ञान की गहराई से ध्यान का संचालन किया। वह हमें ध्यान की वैज्ञानिक प्रविधियों और पूर्ण आत्म-समर्पण के अभ्यास के माध्यम से अनंत क्राइस्ट चेतना के लिए हमारी ग्रहणशीलता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

पूरे ध्यान के मध्य, थोड़े-थोड़े समय के लिए मौन में रहने से हमें इस ज्ञान और प्रेरणा को गहराई तक ले जाने में मदद मिलती है।

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