मेरा शरीर नहीं रहेगा, परन्तु मेरा कार्य चलता रहेगा। और मेरी चेतना विद्यमान रहेगी।
— परमहंस योगानन्द
महासमाधि एक ईश्वर-साक्षात्कार प्राप्त योगी की भौतिक शरीर से अंतिम सचेतन रूप में देह त्याग की प्रक्रिया है। हमारे प्रिय गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्दजी की पावन महासमाधि के शुभ अवसर पर, वाईएसएस संन्यासी द्वारा ऑनलाइन ध्यान-सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कीर्तन, प्रेरणादायक पठन एवं ध्यान-सत्र शामिल थे।
इस अवसर पर विभिन्न आश्रमों, केन्द्रों और मंडलियों में भी व्यक्तिगत रूप से विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
आप इन्हें भी देख सकते हैं :
- Paramahansa Yogananda In Memoriam: Personal Account of the Master’s Final Days
- परमहंस योगानन्द
- क्रियायोग ध्यान का मार्ग
- अंतिम वर्ष और महासमाधि
- The Final Days of Paramahansa Yogananda — A Talk by Sri Sri Daya Mata (Sanghamata and Third President of YSS/SRF)
- प्रधानमंत्री ने वाईएसएस शताब्दी समारोह की स्मृति में डाक टिकट जारी किया
यह विशेष दिन भक्तों द्वारा गुरु-प्रणामी के रूप में कृतज्ञता प्रकट करने का दिन भी माना जाता है, यह गुरु के प्रति सम्मान और उनके द्वारा प्रदान किए गए आध्यात्मिक आशीर्वादों के प्रति आभार प्रकट करने का एक माध्यम है। इस दान को ऑनलाइन करने के लिए आपका स्वागत है। आपका उदार योगदान उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं के प्रसार में सहायक होगी।