योगदा सत्संग शाखा मठ, राँची

राँची आश्रम प्रशासनिक भवन

योगदा सत्संग शाखा मठ, परमहंस योगानन्द पथ
राँची 834 001
फ़ोन : +91 (651) 6655 555

वेबसाइट लिंक : https://ranchi.yssashram.org/

पिछले सौ वर्षों से, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इण्डिया (वाईएसएस) अपने संस्थापक श्री श्री परमहंस योगानन्द, जिन्हें पश्चिम में आदरपूर्वक योग का पिता माना जाता है, के आध्यात्मिक एवं लोकोपकारी कार्यों को अग्रसर करने हेतु समर्पित है।

सन 1917 में, यहीं राँची में ही, परमहंस योगानन्दजी ने अपने जीवन के कार्य को एक आश्रम तथा लड़कों के लिए ‘जीने-की-कला’ आदर्श पर आधारित विद्यालय की स्थापना कर प्रारम्भ किया था, तथा क्रिया योग विज्ञान को भी सार्वजनिक रूप से यहीं से उपलब्ध कराया था।
हम आप सभी को अपने आश्रमों, तथा रिट्रीट केंद्रों में पधारने के लिए आमंत्रित करते हैं, जहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता एवं शान्तिपूर्ण वातावरण आपके मन और आत्मा को पुनः तरोताज़ा कर देते हैं। हम आपका अपने आश्रमों में ध्यान एवं सत्संगों में भी भाग लेने हेतु स्वागत करते हैं। सोसाइटी के संन्यासीगण आध्यात्मिक मार्गदर्शन तथा योगदा सत्संग शिक्षाओं के अध्ययन तथा अभ्यास में मार्गदर्शन करने हेतु उपलब्ध रहते हैं।

परमहंस योगानन्दजी का कमरा

महान गुरु के प्रारम्भिक वर्षों के आवास गृह को यहाँ एक पवित्र स्थल के रूप में सुरक्षित रखा गया है। यह कमरा व्यक्तिगत ध्यान हेतु सभी के लिए पूरे दिन भर खुला रहता है। कमरे के भीतर गुरुदेव के हाथों तथा पैरों की छापों, जिन्हें एसआरएफ़ अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय, लॉस एंजिलिस, कैलिफ़ोर्निया से लाया गया है, को भी रखा गया है। गुरुजी की व्यक्तिगत उपयोग की कुछ वस्तुओं, जिनमें उनकी महासमाधि के समय उतारा गया गुलाब का फूल भी है, को भी गुरुजी के कमरे के बाहर प्रदर्शित किया गया है।

राजर्षि जनकानन्दजी को लिखे एक पत्र में गुरुजी ने लिखा था, “मैंने अपनी आध्यात्मिक उपलब्धियों के अदृश्य अमृत को अधिकतर माउंट वॉशिंगटन [सेल्फ़-रियलाईजे़शन फ़ेलोशिप के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय, लॉस एंजिलिस, कैलिफ़ोर्निया] तथा राँची में छिड़का है….”

परमहंस योगानन्द

लीची वेदी

राँची आश्रम में, लीची वेदी हमारे दिव्य गुरुदेव से सम्बंधित पवित्र स्थलों में से एक है। इसी बड़े लीची वृक्ष के छायादार छत्र के नीचे ही महान गुरु अक्सर उन लड़कों के लिए खुले मैदान की बाहरी कक्षाएँ तथा सत्संग लिया करते थे, जिन्होंने उनके द्वारा स्थापित इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की थी। चूँकि, यह स्थल परमहंस योगानन्दजी के जीवन से इतनी निकटता से सम्बंधित है, इसलिए इसकी शाखाओं के नीचे पिछले अनेक दशकों पूर्व उनके एक बड़े चित्र को स्थापित किया गया था जो अब वाईएसएस/एसआरएफ़ के सदस्यों के लिए एक तीर्थस्थल, तथा ध्यान करने के लिए एक पसंदीदा जगह बन गया है।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस आध्यात्मिक रूप से प्रिय वृक्ष के बारे में एक विलक्षण भौतिक तथ्य को खोज निकाला: अब इसे एक अद्वितीय उपजाती के रूप वैज्ञानिक तौर पर स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है, जिसका कि वनस्पतिशास्त्रियों ने अभी तक कोई नामकरण नहीं किया था। अब औपचारिक तौर पर इसका नामकरण परमहंस योगानन्दजी के नाम पर कर दिया गया है, “लीची कलटिवर योगानन्द सलेक्शन”।

Yogoda Ranchi Litchi Vedi Meditating
Smriti Mandir Ranchi

स्मृति मन्दिर

अपनी योगी कथामृत में परमहंस जी लिखते हैं, “अमेरिका! निश्चय ही ये लोग अमेरिकन हैं!” मेरे मन में यही विचार उठा जब मेरी अंतर्दृष्टि के सामने से पाश्चात्य चेहरों की लम्बी क़तार गुज़रने लगी। राँची के अपने विद्यालय के भंडार गृह में कुछ धूल-धुसरित पेटियों के पीछे मैं ध्यान मग्न बैठा था….ध्यान में वह दृश्य चलता रहा; एक विशाल जन समूह मेरी ओर आतुर दृष्टि से देखते हुए मेरी चेतना के मंच पर अभिनेताओं की तरह मेरे सामने से गुज़र रहा था।

इसी विशिष्ट पवित्र जगह पर स्मृति मंदिर बनाया गया है, जो कि एक ऊँचा, षट्कोण आकार का तथा पूरे का पूरा संगमरमर का बना मन्दिर है, जिसके सभी ओर सजावटी किनारी वाली दीवारें हैं तथा ऊपर एक बड़ा कमल नुमा गुम्बज है, उस विश्वव्यापी मिशन की स्मृति में जिसने अपना पहला क़दम यहाँ से उठाया था।

रिट्रीट

रिट्रीट पूरे वर्ष भर (संगम के दिनों को छोड़कर) वाईएसएस सदस्यों एवं मित्रों के लिये जो कि अपने आध्यात्मिक उत्थान हेतु कुछ समय के लिए यहाँ आना चाहते हैं, खुला रहता है। पूरे वर्ष भर, समय समय पर, परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं पर आधारित तथा वाईएसएस के संन्यासियों द्वारा निर्देशित रिट्रीट का भी आयोजन किया जाता है। हालाँकि, इन रिट्रीट को उन भक्तों के लिए तैयार किया जाता है, जो कि गुरुजी की शिक्षाओं से परिचित हैं, फिर भी कोई भी व्यक्ति जो इन में रूचि रखता हो, स्वागत कार्यालय से सम्पर्क कर पूछताछ कर सकता है।

Ranchi Ashram Meditation garden

ध्यान बग़ीचे

आश्रम परिसर में अनेकों सुन्दर रुचिकर बग़ीचे हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के वृक्ष तथा पौधे लगाए गए हैं। यह बग़ीचे शरीर, मन, तथा आत्मा को विश्रांति तथा बन्धन मुक्ति का सुअवसर प्रदान करते हैं। वे भक्त जो यहाँ ध्यान करना चाहते हैं या इस आध्यात्मिक स्थल की शान्ति एवं निश्चलता में विलीन हो जाना चाहते हैं, उनके प्रयोग हेतु अनेकों बेंच भी यहाँ लगाए गये हैं।

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