योगी कथामृत का 75वां जयंती समारोह

29 अक्टूबर, 2021

वह पुस्तक जिसने लाखों जीवन बदल डाले

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मैं घर में ढेरों ‘योगी कथामृत’ रखता हूँ और लोगों को लगातार बाँटता रहता हूँ। जब लोगों को ‘कायाकल्प’ की आवश्यकता हो, मैं कहता हूँ, कि इसे पढ़ो क्योंकि यह हर धर्म का मर्म है।

— जॉर्ज हैरिसन (स्वर्गीय पूर्व सदस्य बीटल्स)

योगी कथामृत ने आपका जीवन कैसे बदला?

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एक दिन जब वह अपनी आत्मकथा पर काम कर रहे थे, परमहंस योगानन्दजी ने अपने साथ वालों से बड़े शांत भाव से कहा, “जब मैं इस संसार से चला जाऊँगा, यह पुस्तक लाखों का जीवन बदलेगी।” व्यापक स्तर पर एक आध्यात्मिक गौरव-ग्रंथ के रूप में प्रतिष्ठित योगी कथामृत  विश्वभर में पाठकों का जीवन प्रेरित और रूपांतरित कर रही है। पचहत्तर वर्ष पूर्व प्रकाशित हुई इस पुस्तक का प्रभाव सतत फैल रहा है।

योगानन्दजी की आत्मकथा पाठक को एक बहुमुखी यात्रा पर ले जाती है। लेखक के निजी जीवन व आध्यात्मिक खोज के गहन मार्मिक अंतर्दृश्यों से लेकर कई संतों और योगियों (दोनों सर्व-ज्ञात और अज्ञात) के रोचक वर्णन, और भारतीय अध्यात्म के गूढ़ पक्षों की गहन व्याख्या तक, योगी कथामृत  ने अनेक हृदयों में ईश्वर का अनुभव करने की गहरी लालसा उत्पन्न की है ।

प्रेरणा का सतत स्रोत

जब पहली बार 1946 की सर्दियों में योगी कथामृत  प्रकाशित हुई तो पाठकों और विश्व-प्रेस ने विशेष प्रशंसा कर इसका स्वागत किया।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस  ने लिखा “योग की इस प्रस्तुति के समान अंग्रेज़ी या किसी भी अन्य भाषा में इससे पूर्व कुछ नहीं लिखा गया है।” न्यूज़वीक  ने लिखा “योगानन्द की पुस्तक देह की अपेक्षा आत्मा की आत्मकथा है।…एक मनमोहक और स्पष्ट व्याख्या पूर्ण अध्ययन।” और न्यूयॉर्क टाइम्स  ने वर्णन किया, “एक अद्वितीय वृतांत।”

उस समय से इस पुस्तक के प्रति व्यापक आकर्षण और लोकप्रियता जारी है। 1999 में इसे “शताब्दी की 100 सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक पुस्तकों में से एक” नामित किया गया।

और हाल ही में फाइनेंशियल न्यूज़वायर 24/7 वॉल स्ट्रीट ने एक विशेष रिपोर्ट में योगी कथामृत  को “सर्वकालिक 20 सर्वोत्तम आत्मकथाओं में से एक” उद्धृत किया है। हेलन केलर की द स्टोरी ऑफ़ माय लाइफ और नेल्सन मंडेला की लॉन्ग वॉक टु फ्रीडम  जैसी पुस्तकों के साथ प्रदर्शित योगी कथामृत और सूची के अन्य शीर्षकों को लगभग 900 पुस्तकों में से चुना गया है।

ध्यान के प्रति बढ़ते आकर्षण और बाहरी — और प्रायः उतार चढ़ाव वाले — परिवर्तन के बावजूद आध्यात्मिक संतुलन और आंतरिक शांति प्राप्ति में रुचि रखने वालों के लिए परमहंसजी की जीवन रूपांतरित करने वाली शिक्षाओं की प्रासंगिकता के कारण, “मानवीय आत्मा की शक्ति की आनंदपूर्ण पुष्टि” (वेस्ट कोस्ट पुस्तक समीक्षा) समझी जाने वाली योगी कथामृत  में हाल ही के वर्षों में लगातार रुचिवर्धन हुआ है।

सालों साल इस पुस्तक ने जीवन के सभी क्षेत्रों के पाठकों को आकर्षित किया है, जैसे नोबेल पुरस्कार विजेता थॉमस मैन, एप्पल संस्थापक स्टीव जॉब्स (जिसने अपनी मेमोरियल सर्विस पर आने वालों के लिए पुस्तक वितरण का प्रबंध किया), प्रतिष्ठित संगीतकार जॉन कोलत्रने और रविशंकर, बीटल जॉर्ज हैरिसन और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली।

आपके लिए योगी कथामृत का क्या महत्त्व है ? साझा करें

श्री परमहंस योगानन्द की जीवनी ने मुझ पर कई प्रकार से कृपा की है। उनकी जीवन गाथा ने मुझे अधिकाधिक ध्यान करने और एक संतुलित आध्यात्मिक व भौतिक जीवन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अतिरिक्त, मुझे ईश्वर के स्वरुप की श्रेष्ठतर अंतर्दृष्टि प्राप्त हुई है …

— सी. एम., पुणे

परमहंस योगानन्दजी की योगी कथामृत  की 75वीं वर्षगांठ मनाने के रूप में, हम आपको आमंत्रित करते हैं कि पुस्तक के सतत आकर्षण को सराहने के लिए, आप अपने जीवन पर इस पुस्तक के प्रभाव की निजी स्मृतियाँ साझा करें।

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