भारत के पूर्व राष्ट्रपति, माननीय श्री रामनाथ कोविन्द का 28 अक्टूबर, 2025 को योगदा सत्संग शाखा आश्रम, द्वाराहाट में आगमन हुआ।
स्वामी वासुदेवानन्द के साथ स्वामी विश्वानन्द और 5 अन्य वाईएसएस संन्यासियों ने उनका स्वागत किया। उनके आगमन पर, उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया गया। उन्हें तथा उनके अनुचर वर्ग और सुरक्षा दल को ध्यान मन्दिर ले जाया गया, जहाँ उन्होंने कुछ देर ध्यान किया; और इसके बाद उन्हें श्रीकृष्ण मन्दिर भी ले जाया गया, जहाँ उन्होंने श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया।
आश्रम अतिथि गृह में स्वामी वासुदेवानन्द ने श्री कोविन्द को एक शॉल, नव-प्रकाशित हिन्दी पुस्तक भगवद्गीता का योग विज्ञान की एक प्रति, तथा 2026 वाईएसएस वॉल कैलेंडर भेंट किया। उनके साथ आए हुए कुछ अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी उक्त नव-प्रकाशित पुस्तक की एक प्रति, शॉल और कैलेंडर भेंट किए गए।
दल में से प्रत्येक सदस्य को भी प्रसाद और 2026 वाईएसएस कैलेंडर की एक प्रति भेंट की गई।
श्री कोविन्द ने स्वामी विश्वानन्दजी और वासुदेवानन्दजी के साथ कुछ समय बातचीत की, और आश्रम की विभिन्न गतिविधियों के विषय में जानकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और अगले वर्ष योगदा आश्रम में पुनः पधारने की तीव्र इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने लगभग आधा घंटा आश्रम में व्यतीत किया।
29 अक्टूबर, 2025 को महावतार बाबाजी की गुफ़ा की यात्रा
श्री रामनाथ कोविन्द अगले दिन द्वाराहाट के पास पाण्डुखोली पर्वत पर स्थित महावतार बाबाजी की गुफ़ा पहुँचे।
जब योगदा सत्संग के संन्यासियों ने पुष्पगुच्छ से उनका स्वागत किया, तो उन्होंने वह स्वीकार नहीं किया, और बाबाजी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे यहाँ कुछ ग्रहण करने के स्थान पर मुझे ही उनके श्रीचरणों में पुष्प अर्पित करने चाहिए।” इसके पश्चात् उन्हें स्मृति भवन ले जाया गया जहाँ उन्होंने महावतार बाबाजी के चित्र के समक्ष कुछ समय अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
तत्पश्चात् उन्होंने बाबाजी की गुफ़ा के दर्शन किए, जहाँ स्वामी विश्वानन्द ने प्रवेश द्वार पर उनका अभिवादन किया और उन्हें गुफ़ा के भीतर ले गए। जहाँ उन्होंने लगभग 15 से 20 मिनट ध्यान किया, जिसके पश्चात् स्वामी विश्वानन्द ने उन्हें एक रुद्राक्ष माला भेंट की।
वे हल्के जलपान के लिए गुफ़ा क्षेत्र के नीचे स्थित स्मृति भवन लौट आए। स्वामी विश्वानन्द और चैतन्यानन्द ने उन्हें बाबाजी की गुफ़ा का इतिहास बताया और पूरे वर्ष गुफ़ा के दर्शन के लिए आने वाले लगातार बढ़ते तीर्थयात्रियों की संख्या को बेहतर सेवा और सहयोग प्रदान करने हेतु गुफ़ा क्षेत्र में चल रहे सुधारों का विस्तार से वर्णन किया। श्री कोविन्द ने इस परियोजना में गहरी रुचि दिखाई और इसके लिए अपना समर्थन दिया। पर्वत से अपनी कार की ओर लौटते हुए, उन्हें वाईएसएस का निर्माण स्थल दिखाया गया, जहाँ आगंतुक केन्द्र और एक बहुउद्देशीय भवन निर्माणाधीन हैं।
माननीय पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और भविष्य में आश्रम को अपना पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। बाद में उन्होंने वाईएसएस द्वाराहाट आश्रम और महावतार बाबाजी की गुफ़ा, दोनों स्थानों पर प्राप्त हुए उत्थानकारी एवं ज्ञानवर्धक अनुभव के लिए सराहना व्यक्त की।
अगले दिन, 30 अक्टूबर, 2025 को पूर्व राष्ट्रपति के व्यक्तिगत सहायक ने श्री कोविन्द की स्वामी धैर्यानन्द से फ़ोन पर बात करवाई, इस दौरान उन्होंने वाईएसएस आश्रम में प्राप्त आतिथ्य के लिए अपनी हार्दिक प्रसन्नता और गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।



















