The Spiritual Expression of Friendship — शीघ्र ही प्रकाशित हो रहा है

18 नवम्बर, 2025

मित्रता : सभी संबंधों का आधार

सभी के मित्र बनने से मिलने वाले आनन्द का अनुभव कीजिए, परमहंस योगानन्द द्वारा रचित The Spiritual Expression of Friendship में वे आपकी आत्मा के श्रेष्ठ गुणों को साकार करने की यात्रा पर आपका मार्गदर्शन करते हैं।

यह जनवरी में विविध चित्रों से सुन्दरतापूर्वक सुसज्जित एक हार्डकवर उपहार संस्करण में उपलब्ध होगी

अपने संबंधों को रूपांतरित करें

एक विश्व-विख्यात आध्यात्मिक गुरु, परमहंस योगानन्द बताते हैं कि सच्ची मित्रता की भावना किस प्रकार प्रत्येक संबंध को प्रेम, विकास, और दिव्य एकता के अनुभव में बदल सकती है।

लेखक के विषय में

एक कुशल लेखक और वक्ता, योगानन्दजी ने ध्यान और संतुलित जीवन पर विपुल मात्रा में साहित्य का सृजन किया है। अपने सर्वाधिक बिकने वाले आध्यात्मिक गौरव-ग्रन्थ, योगी कथामृत और अन्य प्रभावशाली रचनाओं के माध्यम से, योगानन्दजी का जीवन और उनकी शिक्षाएँ दुनिया भर के आध्यात्मिक साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। The Spiritual Expression of Friendship आध्यात्मिक ज्ञान को व्यावहारिक मार्गदर्शन के साथ मिलाने की योगानन्दजी की क्षमता पर प्रकाश डालती है।

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पुस्तक के विषय में

The Spiritual Expression of Friendship उन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश है जो अपने संबंधों में हृदय से जुड़े संबंध चाहते हैं। योगानन्दजी द्वारा 1930 के दशक में लिखे गए लेखों के संकलन से बनी यह पुस्तक मित्रता के उन आध्यात्मिक आयामों को उजागर करती है जो सामान्यतः समझ में नहीं आते हैं। योगानन्दजी बताते हैं कि मित्रता, जब अपने शुद्धतम रूप में की जाती है, तो उसमें हमें उस उच्च चेतना तक ले जाने की क्षमता होती है जहाँ हम समस्त जीवन के साथ एक एकीकृत दिव्य संबंध महसूस कर सकते हैं। 

एकता का सामयिक संदेश

योगानन्दजी हमें आमंत्रित करते हैं कि हम सभी मानव चेतना को जोड़ने वाले अंतर्निहित सूत्र को खोजें और सभी के साथ आत्मीयता का अनुभव करें। निःस्वार्थ सेवा, दया और करुणा जैसे दिव्य मित्रता के सिद्धांतों का अभ्यास करके, हम देश, नस्ल और धार्मिक मतभेदों को पार कर सकते हैं, और अंततः आत्मा के रूप में अपनी सच्ची प्रकृति के साथ तादात्म्य स्थापित कर सकते हैं। सच्ची मित्रता आत्म-साक्षात्कार के सार्वभौमिक पथ और सभी आत्माओं को प्रेम में एकजुट करने की दिव्य योजना का एक अभिन्न अंग है। 

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ध्यान-हृदय-और-आत्मा-का-अंतर्संबंध

हृदय और आत्मा का अंतर्संबंध

कविता, गद्य, प्रतिज्ञापन (affirmations), और गहन आध्यात्मिक अन्वेषण का मिश्रण, The Spiritual Expression of Friendship शांत क्षणों में आत्म-चिंतन के लिए एक साथी है। प्रत्येक पृष्ठ चेतना का उत्थान करता है, प्रेरणा देता है, और धीरे से आपको भीतर की ओर खींचता है — स्वयं के साथ, दूसरों के साथ, और उस दिव्य सत्ता जिसे योगानन्दजी “एक मित्र जो सभी मित्रों के पीछे छिपा है” कहते हैं, के साथ संबंध की एक नूतन भावना का द्वार खोलता है। 

पुस्तक के विषय

समस्त मानव जाति के साथ अपनी आत्मीयता का अनुभव कीजिए

एक दूसरे की सेवा करें — सच्ची मित्रता का मूलमंत्र

स्वयं के प्रति और दूसरों के प्रति सच्चे रहें

पुस्तक से प्रेरणा

“जो संबंध मित्रों में रहता है, वह मानव प्रेम के सभी रूपों में भव्यतम है।… अपने प्रियजन के लिए पूर्णता की कामना करना और उस आत्मा के विषय में विचार करते हुए शुद्ध आनन्द की अनुभूति करना, यही दिव्य प्रेम है; और यही सच्ची मित्रता का प्रेम है।”

“मित्रता द्वारा पवित्रीकृत हृदय एकता के लिए खुला द्वार उपलब्ध कराता है। इस द्वार से आपको दूसरी आत्माओं को, जो आपसे प्रेम करती हैं तथा जो आपसे प्रेम नहीं भी करती हैं — उनको भ्रातृत्व के मन्दिर में प्रवेश करने के लिए आमन्त्रित करना चाहिए।”

“प्रेम चाहने वाले तो अनेक हैं, परन्तु कुछ ही जानते हैं कि प्रेम क्या है अथवा यह कैसे पाया जाता है। प्रेम आनन्द का वह अदृश्य भंडार है जो ईश्वर के हृदय से प्रवाहित होकर मानव आत्माओं और सभी वस्तुओं में प्रवाहित होता है। प्रेम दूसरों के सच्चे आनन्द में आनन्दित होना है।”

“अपने तथा दूसरों के साथ सच्चे बनें, तब आप ईश्वर की मित्रता प्राप्त कर लेंगें। जब आप अपने प्रेम का दूसरों को अनुभव करा दें तो यह विस्तृत होकर सभी हृदयों में प्रवाहित होने वाला ब्रह्माण्डीय प्रेम बन जाएगा।”

“जब दो आत्माओं में सच्चा प्रेम होता है तथा वे एक साथ आध्यात्मिक और ईश्वरीय प्रेम को खोजती हैं, जब उनकी एक मात्र अभिलाषा एक दूसरे की सेवा करनी होती है, तब उनकी मित्रता ईश्वर की ज्योति को उत्पन्न करती है।”

एक हृदयस्पर्शी पठन

“The Spiritual Expression of Friendship” सभी के साथ स्वस्थ और आनंदमय संबंध विकसित करने के लिए एक स्पष्ट, व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। प्रेरणा, जुड़ाव या एक सोच-समझकर दिया गया उपहार ढूँढने वाले पाठकों के लिए यह एक उत्तम मार्गदर्शिका है। यह शाश्वत मार्गदर्शिका उत्थानकारी विचार प्रस्तुत करती है और मित्रता की हमारी समझ का विस्तार करती है, जिसमें “एकमेव मित्र” — ईश्वर — की दिव्य उपस्थिति शामिल है, जो हर अनुभव में हमारे साथ चलते हैं।

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