ईश्वर-साक्षात्कार की वैज्ञानिक प्रणाली क्रियायोग का अन्ततः सब देशों में प्रसार हो जाएगा और मनुष्य को अनंत परमपिता का व्यक्तिगत इंद्रियातीत अनुभव कराने के द्वारा यह राष्ट्रों के बीच सौमनस्य-सौहार्द्र स्थापित कराने में सहायक होगा।
— महावतार बाबाजी, योगी कथामृत में
परमहंस योगानन्द के वर्ष 1920 में अमेरिका के लिए अपनी यात्रा पर प्रस्थान करने से पूर्व, महावतार बाबाजी गड़पार रोड, कोलकाता स्थित गुरुदेव के घर पधारे, ताकि वे उन्हें विश्व भर में क्रियायोग की शिक्षाओं को प्रसारित करने के उनके अभियान के विषय में दिव्य आश्वासन दे सकें। योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के भक्तों ने महावतार बाबाजी और परमहंस योगानन्द के इस मिलन को महावतार बाबाजी स्मृति दिवस के रूप में मनाया है।
इस पवित्र दिवस के उपलक्ष्य में, हम आपको महावतार बाबाजी के सम्मान में आयोजित ऑनलाइन ध्यान में हमारे साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह कार्यक्रम एक वाईएसएस संन्यासी द्वारा अंग्रेज़ी में संचालित किया जाएगा और इसमें चैंटिंग, प्रेरणादायक पठन और ध्यान-सत्र शामिल होंगे। इसका वाईएसएस नोएडा आश्रम से सीधा प्रसारण किया जाएगा।
कृपया ध्यान दें : यह आयोजन शनिवार, 26 जुलाई, रात्रि 10 बजे (भारतीय समयानुसार) तक देखने के लिए उपलब्ध रहेगा।
इस पवित्र अवसर पर, वाईएसएस आश्रमों, केन्द्रों और मण्डलियों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने निकटतम वाईएसएस केन्द्र से सम्पर्क करें।

यदि आपको इस पावन दिवस पर दान देने के लिए प्रेरित हों, तो कृपया नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करें। हम आपकी उदारता के लिए हृदय से कृतज्ञ हैं, जिसे हम वाईएसएस गुरु-परम्परा के माध्यम से प्राप्त अनेक आशीर्वादों के प्रति कृतज्ञता की एक हार्दिक अभिव्यक्ति मानते हैं।