हार्दिक कृतज्ञता — आपके सहयोग ने जानें बचाईं और हज़ारों को आश्वस्त किया

14 जुलाई, 2021

प्रिय दिव्य आत्मन्,

हाल के सप्ताहों में, भारतभर में कहर बरपाने वाली, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने, अभूतपूर्व मानवीय संकट पैदा कर दिया, जिसने देश में प्रत्येक के परिवार और मित्रों को प्रभावित किया।

वाईएसएस/एसआरएफ़ अध्यक्ष ने सुध ली

हमारे आदरणीय अध्यक्ष श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि ने एक बहुत मन को छूने वाला और समय से सांत्वना, आश्वासन और प्रोत्साहन भरा संदेश देकर उन सबकी सुध ली, जो भी भारतीय जन और वे जो विश्वभर में अकल्पनीय चुनौतियों का सामना कर रहे थे।

वाईएसएस केन्द्र और मंडलियां आगे आए

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के शुरू में, स्वामी चिदानन्दजी द्वारा प्रेरित व प्रोत्साहित तथा भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों की पीड़ा और जरूरतों को अनुभव करते हुए, वाईएसएस ने विश्वभर में यथासंभव लोगों को, अपनी संसाधन सीमा में रहते हुए, राहत पहुँचाने का निर्णय लिया। हमने शीघ्र चिन्हित कर लिया कि इसको करने का सर्वोत्तम तरीका था, विश्वभर में फैले वाईएसएस केन्द्रों व मंडलियों के जाल में, सेवारत हमारे भक्तों के वृहद् आध्यात्मिक परिवार की सहायता लेना। वाईएसएस केन्द्रों की प्रबन्धक समितियों के साथ, वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा, हम सैकड़ों भक्त स्वयंसेवकों की, सहायता सूची बनाने में सफल रहे जो इस महान् कार्य में अपने समय, ऊर्जा और संसाधनों से, उदारतापूर्वक सेवा देने के लिए उत्साहपूर्ण थे। इन भक्तों ने, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों व स्थानीय अधिकारियों की सहायता से, वाईएसएस राहत प्रयासों को सफलतापूर्वक चलाया।

बहुत से भक्तों ने, अपना सुरक्षित घरबार छोड़कर, जरूरतमंदों को भोजन, बीमारों को दवाइयां तथा अस्पतालों व स्वयंसेवी संस्थाओं को सुरक्षा किट व जीवनरक्षक उपकरण पहुँचाए। हमें इन स्वयंसेवकों के निजी त्यागों के बारे में कभी पता नहीं चलेगा, जो उन्होंने हजारों जरूरतमंद लोगों को राहत पहुँचाने और कई मामलों में तो उम्मीद जगाने के लिए किए। एक अभूतपूर्व तरीके से छोटी समय अवधि में, हम कोविड-19 के सर्वोच्च संकटकाल में, अपने पूर्ण व्यापक राहत प्रयास, सफलतापूर्वक निपटा सके।

भारतभर में पहुँची वाईएसएस सहायता

उत्तर के हिमालय पर्वतों में फंसे साधुओं से लेकर केरल के सुदूर दक्षिण में आदिवासी गाँव तक राहत पहुँचाने में वाईएसएस सफल रही। हम कई हज़ार लोगों को, अत्यावश्यक पका हुआ भोजन और सूखा राशन पहुँचाने में सफल रहे। अस्पताल में बिस्तर, व्हीलचेयर, पीपीई किट्स, गुणवत्ता वाले मास्क, हाथों के सैनिटाइज़र, आवश्यक दवाएं, कोविड संक्रमण के इलाज में काम आने वाली दवाएं, नब्ज़ ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर आदि उन वस्तुओं में शामिल हैं, जो देशभर के विभिन्न शहरों में सेवारत छोटी-बड़ी कोविड के इलाज की संस्थाओं को उपलब्ध कराई गईं।

वाईएसएस भक्त, गंगोत्री हिमालय में फंसे साधुओं को भोजन कराते हुए

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और बाइपीएपी वेंटिलेटर्स की आपूर्ति

वाईएसएस भक्त, केरल के एक कोविड अस्पताल को बाइपीएपी मशीन भेंट करते हुए

कुछ अस्पताल अपने वार्डों को उन्नत कर उन्हें कोविड चिकित्सा संपन्न बनाना चाहते थे। वाईएसएस, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर या बाइपीएपी वेंटिलेटर मशीनें उपलब्ध कराने में सफल रहा। केरल के एक अस्पताल में एक वार्ड में वाईएसएस ने ऑक्सीजन वितरण व्यवस्था स्थापित करने में सहायता की, जिससे ऑक्सीजन के जरूरतमंद रोगियों का इलाज हो सका।

यह देखकर कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन वाले बिस्तर अनुपलब्ध हों, तो जीवनरक्षक कंसंट्रेटर्स क्या कर सकते हैं, वाईएसएस ने अपने अधिकतर बड़े केन्द्रों व मंडलियों में एक-एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखने का निर्णय लिया। 40 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वितरित किए गए। एक विशेषज्ञ समिति ने इन कंसंट्रेटर्स के संचालन और रखरखाव के लिए लिखित और वीडीओ निर्देश जारी किए और इन इकाइयों की देख-भाल व वितरण कर रहे स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया।

वाईएसएस भक्त अपने निजी संसाधनों से सहायता का हाथ बढ़ाते हुए

कुछ वाईएसएस केन्द्रों ने हमारे, उन तक पहुँचने का इंतजार नहीं किया। उन्होंने अपने आप ही, पूरी तरह अपने संसाधनों से, राहत कार्य शुरू कर दिए। वाईएसएस तिरुपति ध्यान केन्द्र ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आपूर्ति सेवा शुरू कर दी, जबकि वाईएसएस रायपुर ध्यान केन्द्र ने, मरीजों को चिकित्सा केन्द्र पहुँचाने के लिए एंबुलेंस सेवा किराए पर ले ली। बहुत से भक्तों ने, अपने जीवनभर की बचत में से, संक्रमित पड़ोसियों व समुदायों को यथासंभव सहायता प्रदान की।

रायपुर में भक्त कोविड मरीज़ों के लिए किराए पर ली एम्बुलेंस के साथ

द्वाराहाट और आसपास के गांवों में कोविड राहत कार्य

एक मेडिकल कैंप में भक्त डॉक्टर, द्वाराहाट

वाईएसएस द्वारा द्वाराहाट और उसके आसपास किए गए राहत कार्य का विशेष उल्लेख बनता है। हमें पता चला कि स्थानीय युवा स्वयंसेवकों का एक दल ग्रामीणों को कोविड महामारी से राहत दिलाने में सक्रिय सहायता कर रहा है। इनकी उत्साहपूर्ण सहायता, एक वाईएसएस भक्त की निस्वार्थ सेवा और मुंबई के एक मेडिकल डॉक्टर की सहायता से वाईएसएस ने द्वाराहाट और बाबाजी की गुफा के आसपास कई कोविड चिकित्सा कैंप लगाए। इस सेवा को ग्रामीणों ने कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार किया और स्थानीय अधिकारियों ने अत्यधिक सराहा क्योंकि कोई और संस्था, उस सुदूर क्षेत्र में राहत पहुँचाने के उनके सीमित प्रयासों में मदद के लिए आगे नहीं आई।

वाईएसएस ने द्वाराहाट राजकीय अस्पताल को एंबुलेंस भेंट की

द्वाराहाट राजकीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निवेदन पर वाईएसएस ने एक अति आवश्यक वाहन, पूरी तरह सुसज्जित नई एंबुलेंस भेंट की। यह गंभीर संक्रमित मरीजों को, द्वाराहाट से अल्मोड़ा व हल्द्वानी में उच्च स्तरीय कोविड-19 चिकित्सा केन्द्रों तक पहुँचाने में अत्यंत मूल्यवान सिद्ध हुई। अल्मोड़ा के ज़िला मैजिस्ट्रेट ने वाईएसएस के इस उदार भाव का, पत्र लिखकर आभार व्यक्त किया। द्वाराहाट के निवासियों द्वारा एंबुलेंस के आगमन की अत्यंत सराहना की गई और सभी स्थानीय समाचार पत्रों व मीडिया चैनलों ने इसकी व्यापक रिपोर्टिंग की।

द्वाराहाट में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एंबुलेंस की चाबी सौंपते हुए भक्त

विश्वभर से सहायता के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं

जैसे ही भारत में स्थिति की गंभीरता की खबर प्रेस और मीडिया के माध्यम से फैली, वाईएसएस को विश्वभर से गुरुजी के वाईएसएस/एसआरएफ़ भक्तों के फोन कॉल और संदेश मिलने लगे। सहायता प्रस्तावों में सहानुभूतिपूर्ण, प्रार्थनापूर्ण समर्थन और आर्थिक योगदान सम्मिलित थे। इतने सारे भक्तों के इस प्रेम को देखकर हम बहुत प्रभावित हुए, और अनुभव किया कि महान् गुरुजन इन सभी दयालु आत्माओं के माध्यम से भारत को अपना प्रेम और आशीर्वाद भेज रहे थे। उन सभी के प्रति हमारी गहरी कृतज्ञता है।

द्वाराहाट के आसपास राहत गतिविधियों का समन्वय करने वाले भक्तों में से एक ने टिप्पणी की :

“जहाँ किसी ने भी जाने का साहस नहीं किया था, द्वाराहाट और आसपास के गाँवों में लोगों तक पहुँचने में हमारे स्वयंसेवकों और [भक्त] डॉक्टर की समर्पित सेवा को देखना प्रेरणादायक है। परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराकर और महामारी को फैलने से रोकने के लिए ग्रामीणों को आवश्यक सावधानी बरतने के लिए शिक्षित करके, हमारी टीम ने कई बहुमूल्य जानें बचाई हैं।” – टी. एम., द्वाराहाट

एक अन्य भक्त, एक सरकारी कर्मचारी, जो कि केरल के कन्नूर ज़िले के एक दूरस्थ क्षेत्र में आदिवासियों के पुनर्वास में सहायता प्रदान कर रहा है, ने निम्नलिखित कहा है :

“इस क्षेत्र में कोई सार्वजनिक परिवहन सुविधा नहीं है, और निवासियों को कृषि से बहुत कम आय होती है। महामारी के रूप में, कोविड से प्रभावित लोगों के लिए न तो भोजन की पर्याप्त आपूर्ति थी, न ही उनकी देखभाल करने वालों के लिए पर्याप्त चिकित्सा आपूर्ति (मास्क, दस्ताने आदि)। वाईएसएस की त्वरित सहायता से, हम परिवारों को राशन एवं किराने का सामान, एक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, और सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में स्वच्छता और चिकित्सा आपूर्ति करने में सक्षम हुए। इस श्रेष्ठ प्रयास में सहभागिता के लिए मेरा हृदय प्रसन्नता से ओतप्रोत है।” – जे. टी. वी., कन्नूर

हमें प्रभावितों के परिजनों से, जिन्हें हमने वित्तीय सहायता हेतु प्रस्ताव किया था, और कई गैर सरकारी संगठनों और अस्पतालों से, जिन्हें हमने जीवनरक्षक चिकित्सा उपकरण और दवाएं प्रदान करके समर्थन किया था, कई हृदयस्पर्शी संदेश प्राप्त हुए हैं। विश्वभर में कई प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वालों ने सोसाइटी द्वारा की गई कुछ धर्मार्थ गतिविधियों को प्रकाशित किया है।

हम उन सभी स्वयंसेवकों को गहरी प्रशंसा और हार्दिक धन्यवाद देते हैं जिन्होंने निस्वार्थ भाव से सेवा की और राहत प्रयासों का समन्वय किया। जिन्होंने इस महान् मानवीय कार्य में उदारतापूर्वक योगदान दिया है, उनकी प्रशंसा के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं। सबसे बढ़कर, हम विश्वभर के सभी लोगों के प्रति अपनी प्रशंसा और हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहते हैं, जिन्होने विश्वव्यापी प्रार्थना मण्डल और हमारे प्रतिदिन के आरोग्यकारी प्रार्थना सत्रों में भाग लिया है और अभी भी ले रहे हैं। आइए हम सभी अभावग्रस्तों के लिए एक साथ प्रार्थना करते रहें और उन्हें आरोग्यकारी स्पंदन और प्रोत्साहन एवं शक्ति के प्रेमपूर्ण विचार भेजते रहें।

हमारे गुरुदेव परमहंस योगानन्दजी ने कहा, “मैं ईश्वर के अनुरूप चलता हूँ; प्रश्न धन का नहीं है, अपितु मानव जाति की सेवा का है; और इसी कारण, ईश्वर ने मेरे अस्तित्त्व और सेल्फ़ रियलाईज़ेशन फ़ेलोशिप [योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया] के इस कार्य के अस्तित्त्व का समर्थन करने के लिए सभी रास्ते खोल दिए हैं।” जैसे हममें से प्रत्येक अपने भाइयों की सेवा करता है, किसी भी माध्यम से — आध्यात्मिक या भौतिक — ईश्वर और गुरुजन हमारा मार्गदर्शन करेंगे, हमें प्रेरित करेंगे, और उनका प्रेम हमारे माध्यम से अभावग्रस्तों तक पहुँचेगा।

आप ईश्वर की आच्छादित उपस्थिति में बने रहें और उनका प्रेम और भलाई दूसरों तक प्रसारित करें।

दैवी मित्रता में,

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया

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