प्रियजनों,
गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानन्दजी की ओर से, आप सभी का सप्रेम अभिवादन।
मैं नेपाल में हो रही नागरिक अशांति के समाचारों को सुन रहा हूँ। प्राणों की हानि, घरों और संस्थाओं के विनाश तथा नागरिकों के सामने खड़ी अनिश्चितता के लिए मेरे हृदय में गहरी चिंता है। मेरी प्रार्थनाएँ पूरे राष्ट्र के साथ, और विशेष रूप से नेपाल में गुरुदेव के प्रिय एवं समर्पित भक्तों के साथ हैं — जिनमें से अनेकों के साथ इस वर्ष के प्रारम्भ में अपनी यात्रा के दौरान मिलकर मुझे आनंद और प्रेरणा प्राप्त हुई थी। ऐसे चुनौतीपूर्ण समयों में, आइए हम याद रखें कि हम ईश्वर की दिव्य सुरक्षा और असीम करुणा में विश्वास रखते हुए, अपने अन्तर् में उनकी शांति की चिरस्थायी उपस्थिति में स्थिर बने रहें। उनकी आश्रयदायिनी उपस्थिति पवित्र हिमालय की गोद में बसे इस सुंदर देश की रक्षा करे।
आप सभी गुरुदेव के विश्वव्यापी आध्यात्मिक परिवार का एक अनमोल अंग हैं, और मुझे विश्वास है कि आप मेरे और गुरुजी के आश्रमों में रह रहे संन्यासियों के साथ मिलकर यह मानस-दर्शन कर रहे हैं कि सम्पूर्ण देश पर दिव्य प्रकाश व्याप्त है। प्रतिदिन ध्यान के पश्चात्, जब हम वाईएसएस/एसआरएफ़ विश्वव्यापी प्रार्थना मण्डल के भाग के रूप में गुरुजी की यौगिक आरोग्यकारी प्रविधि का अभ्यास करते हैं, तो आइए सचेत रूप से अनुभव करें कि पवित्र ओम् स्पंदन प्रेम की एक शक्तिशाली तरंग के रूप में प्रसारित हो रहा है जो संतुलन को पुनः स्थापित करने, सद्भावना प्रेरित करने, और हृदयों को समझ एवं एकता के प्रति खोलने में सहायता कर रहा है। अपनी गहनतम इच्छा और सच्चे विश्वास के साथ प्रार्थना करके, हम दुनिया में शांति और सद्भाव की अलौकिक और असीम शक्ति के रूप में दिव्य सहायता के प्रवाह के लिए एक माध्यम खोलते हैं।
आप सबके लिए जो इन अशांत परिस्थितियों का अनुभव कर रहे हैं, हमारे गुरुदेव और परमगुरुओं की कृपा एवं आशीर्वाद आध्यात्मिक शक्ति और सांत्वना का एक जीवंत स्रोत बने रहें। कृपया जान लें कि मैं आपमें से प्रत्येक को अपने हृदय में रखता हूँ, और प्रार्थना करता हूँ कि आप ईश्वर के प्रेममय आलिंगन में सुरक्षा और साहस पाएँ।
ईश्वर और गुरु के अनवरत आशीर्वाद,
स्वामी चिदानन्द गिरि