
इतने वर्षों के बाद भी, परमहंस योगानन्दजी की जीवन गाथा, योगी कथामृत लाखों लोगों के लिए भारत की प्राचीन ध्यान योग शिक्षाओं से परिचित कराने का काम कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा प्रशंसित जैसे भारतीय सितार वादक स्वर्गीय रविशंकर; पूर्व एप्पल सीईओ स्टीव जॉब्स; भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और कई अन्य लोग, यह पुस्तक दुनिया-भर के पाठकों को प्रेरित करती रही है। पचास से अधिक भाषाओं में मुद्रित, इसे “20वीं शताब्दी की 100 सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक पुस्तकों” में से एक का दर्जा दिया गया है।
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प्रशंसा पत्र
मुझे इस पुस्तक से प्रेम है। उन सभी को इसे अवश्य पढ़ना चाहिए जो अपने विचारों और सिद्धांतों को चुनौती देने का साहस रखते हैं। इस पुस्तक में विद्यमान ज्ञान की समझ और उसका कार्यान्वयन आपके पूरे दृष्टिकोण और जीवन को बदल देगा। ईश्वर पर विश्वास रखो और अच्छे कर्म करते हुए
आगे बढ़ते रहो 😇#onelove #begrateful #helponeanother
“एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा आधुनिक हिन्दू सन्तों की असाधारण जीवन कथाओं एवं अलौकिक शक्तियों के वर्णनों से युक्त इस पुस्तक का सामयिक और सर्वकालिक, दोनों दृष्टियों से महत्त्व है।...निस्सन्देह उनकी असाधारण जीवन-कथा भारत की आध्यात्मिक संपदा पर अत्यधिक प्रकाश डालने वाली पश्चिम में प्रकाशित पुस्तकों में से एक है।”
“अत्यंत आकर्षक रूप से सरल और आत्मोद्घाटन करने वाली जीवनियों में से एक... ज्ञान का एक वास्तविक भंडार। जिन महान् विभूतियों से इन पृष्ठों में भेंट होती है… वे यादों में गहन आध्यात्मिक ज्ञान से समृद्ध मित्रों की भाँति लौटते हैं, और इन सभी महानतम विभूतियों में से एक है, ईश्वरोन्मत्त लेखक स्वयं।”
“सुप्रसिद्ध योगी कथामृत में, योगानन्दजी यौगिक अभ्यासों के उच्च स्तरों में प्राप्त होने वाली ब्रह्माण्डीय चेतना एवं यौगिक और वेदान्तिक दृष्टि से अनेक दिलचस्प मानवीय पहलुओं का आश्चर्यजनक विवरण देते हैं।”