हिन्दी में प्रवचन – 17 मार्च, 2024
इस प्रकार हमें संसार में रुचिपूर्वक कार्य करना सीखना चाहिए, परन्तु शान्त एवं अनासक्त बने रहें। मैं नहीं जानता कि बिना आनन्दपूर्ण उत्साह के मैं
इस प्रकार हमें संसार में रुचिपूर्वक कार्य करना सीखना चाहिए, परन्तु शान्त एवं अनासक्त बने रहें। मैं नहीं जानता कि बिना आनन्दपूर्ण उत्साह के मैं
“प्रत्येक व्यक्ति को कुरुक्षेत्र की अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी है। यह युद्ध मात्र जीतने के योग्य ही नहीं, अपितु विश्व के दिव्य नियम एवं आत्मा
चाहे जो भी परिस्थिति आपके सामने आए, यह विश्वास रखते हुए कि यह ईश्वर ही हैं जो उसे आपके पास भेज रहे हैं; और आपको
17 सितम्बर को, एक वाईएसएस संन्यासी ने “साधना और सेवा में प्रेम का महत्त्व” विषय पर हिन्दी में एक प्रेरणाप्रद प्रवचन दिया। परमहंस योगानन्दजी की
शांति पर स्वामी निष्ठानन्द गिरि का हिन्दी में आध्यात्मिक प्रवचन हमारी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर शनिवार, 19 अगस्त को शाम 6:30 बजे से 7:30
हिंदी में इस रिकॉर्डेड प्रवचन में, जो वाईएसएस संन्यासी, स्वामी चैतन्यानन्द गिरि द्वारा “ईश्वर आपके उतने ही निकट हैं जितना निकट आपके विचार उन्हें आने
ब्रह्माण्ड का सम्पूर्ण ज्ञान गीता में समाया है। अत्यंत गूढ़ तथा सान्त्वानादायक भाषा में व्यक्त…. गीता को मानवीय प्रयास और आध्यात्मिक संघर्ष के सभी स्तरों
वाईएसएस/एसआरएफ़ अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि द्वारा 26 फरवरी को वाईएसएस नोएडा आश्रम में एक प्रेरणाप्रद प्रवचन दिया गया। सीधे प्रसारित
मन की शान्त, समान रूप से सन्तुलित अवस्था, जिसे पीड़ा अथवा प्रसन्नता से विचलित नहीं किया जा सकता, भक्त को आत्मा में छिपे अपरिवर्तनीय नित्य-नवीन