ध्यान मन्दिर — योगदा सत्संग शाखा मठ, राँची

भले ही आप ध्यान करने के सिवा अन्य सब कुछ करने में समर्थ क्यों न हों, परन्तु आपको कभी भी वैसा आनन्द प्राप्त नहीं हो पाएगा जैसा उस अवस्था में प्राप्त होता है जब विचार शान्त होते हैं और आपका मन ईश्वर की शान्ति के साथ समस्वर होता है।

— परमहंस योगानन्द, योगदा सत्संग पाठमाला

राँची आश्रम में 300 भक्तों की क्षमता वाला ध्यान मन्दिर योगदा सत्संग के भक्तों और उन आगंतुकों के लिए एक आध्यात्मिक आश्रय स्थल है, जो दुनिया की “व्यस्तता” से दूर रहकर ध्यान की शांति का आनंद लेना चाहते हैं। यहाँ वाईएसएस संन्यासी नियमित रूप से सुबह और शाम ध्यान-सत्र आयोजित करते हैं। रविवार को संन्यासी परमहंस योगानन्द की शिक्षाओं पर आधारित आध्यात्मिक प्रवचन भी देते हैं।

इतिहास

इस ध्यान मन्दिर का निर्माण 2004 में शुरू हुआ और 2007 में पूरा हुआ। स्वामी विश्वानन्द ने 31 जनवरी, 2007 को इसका उद्घाटन किया। वाईएसएस/एसआरएफ़ के वर्तमान अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख श्री श्री स्वामी चिदानन्द गिरि भी इस अविस्मरणीय अवसर पर उपस्थित थे। ध्यान मन्दिर में एक वर्ग आकार का ध्यान कक्ष है, जिसके चारों ओर बरामदा और चारों तरफ सीढ़ियाँ हैं। यह भव्य संरचना भारतपुर के बलुआ पत्थर से बनी है, जो न केवल भव्य और कलात्मक रूप से संतुलित है, बल्कि बाहरी परेशानियों से दूर रहने के लिए पर्याप्त रूप से एकांत भी है।